१९ वर्ष के अन्तराल के बाद से भारत सुरछा परिषद् का अ अश्थाई सदस्य चुन लिया गया | bharat इश शीट के लिए एशिया छेत्र से एक मात्र उमीदवार था और १९२ सद्शीय सयुक्त राष्ट्र शभा men उसे इसके लिए १८७ सद्श्यो का समर्थन मिला |इस शाल के शुरू में कजकिश्तन द्वारा दौरसे नाम वापस लेना, उसके बाद भारत को और आशान हो गया , और उसे जीत का पूरा विश्वाश था | वह jaनवरी २०११ से दिशम्बर २०१२ के चुना गया है | भारत के आलावा जर्मनी ,दछिदअफ्रीका ,कोलंबिया ko भी सहयुक्त राष्ट्र परिषद् का अस्थाई सद्श्य के रूप में चुना गया है |
अक्तूबर २०१० में भारत का शुरछा परिषद् में अश्थाई sadashya चुना जाना अपने आप में एक महत्वपूर्ण घटना तो है ही मगेर एसशे भी महत्वपूर्ण है की यह शुराछा परिषद् में स्थाई सद्श्यता प्राप्ति की दिशा में भारत के द्वारा बढाया जाने वाला कदम महत्वपूर्ण मन जा रहा है | वैसे अगेर पीछे मुडकर इतिहाश देखे तो वर्ष १९४५ में जब सहयुक्त राष्ट्र का गठन किया गया तो तब की भू शमरीक परिश्तिथियो को देखते हुए पञ्च सद्श्यो को सयुक्त राष्ट्र परिषद् का स्थाई सद्ष्य चुना गया |तब १० देशो को उसका अस्थाई स्दश्य चुना गया था | ६५ वर्षो के उपरांत उब परिष्ठिया बदल चुकी है और नै परिष्ठितियो में shurashha परिषद् का punargathan जरुरी हो गया है |
वैसे तो सहयुक्त राष्ट्र परिषद् का पुनर्गठन की चर्चा पिछले दो वर्षो से हो रही है |अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी भारत यात्रा के दोरान भारत के स्थाई सद्श्यता के दावे का समर्थन क़र इस विषय को एक naya आयाम दिया | मुछे उमीद है की मेरा देश भी उब जल्द ही सहयुक्त राष्ट्र परिषद् का एक मजबूत अंग होगा |
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