Monday, October 10, 2011

समाज सेवा का ढोग क्यों ?

 मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है !यह तो सभी को पता है पर समाज सेवी  बनना कितना आसान है यह तो किसी किसी को पता होता है !हमारे देश में समाज सेवी कहलाना बड़ा आसान हो गया है लोग एक पार्टी का विरोध करके सोचते है की वो सबसे बड़ी समाज सेवा कर रहे है !जबकि की उसके पीछे भी अपना स्वार्थ रहता है!  !यही देखने को मिल रहा है हमारे देश में अभी कुछ दिनों से एक महानुभाव मीडिया में खूब छाये  हुए है लोग उन्हें दूसरा गांधी भी कहने लगे है लेकिन शायद उन्हें यह नहीं मालूम है की गाँधी जी के अन्दर लोभ मोह और स्वार्थ जैसी भावना नहीं थी !वो देश के लिए लड़ रहे थे जबकि आज के  गाँधी अपने स्वार्थ और अपना कैरियर बनाने के चक्कर में पड़े हुए  है !उन्हें एक ही पार्टी नजर में आ रही है जबकि दूसरी पार्टी द्वारा किसी इमानदार और कर्मठ आदमी को सताया जा रहा है वो उन्हें नहीं दिख रहा है !भ्रष्टाचार की बात करने वाले दूसरे गाँधी  शायद यह भूल गए गए है की उनके शाथ रहने वाले सबसे बड़े भ्रष्टाचारी है !जो फ़ौज लेकर वो भ्रष्टाचार की बात कर रहे है और भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ने का ढोग कर रहे है उसी में से एक था  स्वामी  अग्निवेश जिसका काला चेहरा जग के सामने आ गया है !हम उन गाँधी से पूछना चाहते है क्या उन्हें गुजरात में नरेन्द्र मोदी का भ्रष्टाचार नहीं दिख रहा है! जो निर्दोष लोगो को जिन्दा जलाने के बाद उसकी फाइल भी पूरी तरह  बंद करना चाहता है !एक निर्दोष अधिकारी को सता रहा है जो अपने कैरियर में काफी अच्छा काम किया!  हम पूछना चाहते  है उन गांधी से की शंजिव भट्ट का क्या दोस है जिसे आतंकवादी की तरह जेल में रखकर  प्रताड़ित किया जा रहा है !हम पूछना चाहते है उन गांधी से से की गुजरात सरकारमें एक अपराधी जो अहम् गवाह है वह पुलिस के कस्टडी से कैसे भाग निकलता है क्या यह भ्रष्टाचार नहीं है !इन गाँधी को मायावती का भ्रष्ट सासन नहीं दीखता जहा करोडो रूपया वसूल कर, वह भी गरीबो का माया की तिजोरी भरी जाती है !की जिस सासन में कई मंत्री भ्रष्ट होने के नाते सासन से नीकाल दिए जाते है !क्या वो भ्रष्टाचार नहीं है क्यों उनके खिलाफ कोई धरना नहीं दिया जा सकता  है !
दूसरे गाँधी का जो सपना है वो कभी नहीं पूरा हो सकता!क्योंकि उसके लिए त्याग के साथ साथ निस्वार्थ भी होना पड़ेगा !दूसरे गाँधी को जो अभिमान हो गया है की पूरे देश की जनता उनके साथ है और वो पूरे देश के हीरो है तो उनका यह अभिमान जल्द ही टूटने वाला है !क्योकि जो जनता हीरो बनाना जानती है वाही जनता जीरो भी बनाना जानती है !और अब दूसरे गाँधी का जीरो बनने का दिन नजदीक आ गया है !हिसार चुनाव में जो हो रहा है उससे साफ झलक आ रही है की दूसरे गाँधी अब अर्श से फर्श पर आने वाले है !