श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मालव प्रान्त की पुराण प्रसिद्ध अवंतिका नगरी ,जिसे आज उज्जैन कहते है ,जो परम पावन क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है ,उसी में विद्यमान है !इस महिमा मय ज्योतिर्लिंग की स्थापना से सम्बंधित एतेहासिक गाथा यह है की किसी समय में उज्जैन नगरी में चंद्रसेन नमक राजा राज्य करता था ,वह शिव का अनन्य भक्त था !एक दिन जब वह शिव की आराधना कर रहा था ,उस समय श्रीकर नामक एक पांच वर्षीय गोप बालक अपनी माँ के साथ वहा से होकर निकला !बालक शिव पूजन को देखकर स्वयं भी एक पाषण खंड लेकर उसी को शिव मानकर पूजन में लीन हो गया !माता ने भोजन के लिए बुलाया पर वह बालक नहीं आया और उसकी समाधि भी भंग नहीं हुई !माता ने क्रोध में आकर उस प्रस्तर खंड को उठाकर फेक दिया जिसे वह शिव मानकर पूजन कर रहा था !भक्त बालक ने भगवान् शंकर को पुकारा और उनके दर्शन के लिए बार -बार बिलाप करने लगा !अंत में भोलेनाथ प्रसन्न हुए और बालक के सम्मुख सोने के किवाड़ से युक्त रत्न जटित मंदीर हो गया ,उसने देखा भीतर प्रकाशवान ज्योतिर्लिंग है !बालक बार -बार स्तुति करने लगा , यह संवाद सुनकर राजा भी वहा आये और बालक की बड़ी प्रशंसा की !उसी अवसर पर हनुमान जी प्रकट हुए और उपस्थित जनों से कहा कि एस बालक की आठवी पीढी में नन्द गोप का जन्म होगा !उसके यहाँ भगवान् श्री क्रिष्ण पुत्र रूप में विविध लीलाए करंगे !इतना कहकर हनुमान जी लापता हो गए !
यह श्री महाकालेश्वर मंदीर मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में है जो भोपाल से लगभग १०० किलो मीटर और इंदौर से लगभग ५० किलो मीटर है !इस पावन नगरी में महाकालेश्वर मंदीर के अलावा बहुत अच्छे -अच्छे मंदीर भी है जो उज्जैन कि शोभा बड़ा रहे है !हिंदूं धर्म में यह मान्यताये है कि जो पुरूष एवं महिला इस पुरी में प्रवाहित क्षिप्रा नदी में स्नान करके भगवान् महाकालेश्वर के दर्शन करता है वह मृत्यु से कभी नहीं डरता न ही कभी चिंतित होता है और उसे मुक्ति प्राप्त होती है !
भारत में भगवान् भोले शंकर जी के बारह ज्योतिर्लिंग प्रमुख माना जाते है जो श्री ओम्कारेश्वर .,श्री महाकालेश्वर ,श्री मल्लिकार्जुन ,श्री सोमनाथ ,श्री त्र्यम्बकेश्वर ,श्री विशेश्वर ,श्री भीम शंकर ,श्री केदारेश्वर ,श्री घुश्मेश्वर ,श्री रामेश्वरम ,श्री नागेश्वरम ,श्री वैद्यनाथ ,है !जिसमें महाकालेश्वर का बड़ा स्थान है !
प्रतिदीन सुबह से लेकर शाम तक लाखों भक्त देश के कोने -कोने से महाकाल के दर्शन करने आते है ,जिसमें एक दिन मौका मेरे भी हाथ लगा और मैंने देखा की हिन्दू धर्म में मह्काल जी का स्थान कितना उंचा है ! महाकालेश्वरकी जय हो ,हरहर महादेव,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,