Saturday, June 4, 2011

अब आया ऊट पहाड़ के नीचे

एलियास कश्मीरी २६/ ११ का मास्टर माइंड
आज का दिन एक विशेष दिन हो गया क्योंकि आज हमारे देश का एक बड़ा दुश्मन मौत के घाट उतार दिया गया  ,जो रहता तो था  पाकिस्तान में मगर नुकशान भारत का करता था ,नाम  था इलियास  कश्मीरी जो मुंबई पर २६-११ को आतंकवादी हमले का मास्टर माइंड  था जिसे पाकिस्तान बचाना चाहता था !आज बी बी सी पर जब यह सुनने को मिला तो दिल को बड़ी तसल्ली मिली की अमेरिका के एक ड्रोन हमले में कश्मीरी मारा गया !आज एक बार फिर पाकिस्तान का असली चेहरा पूरे विश्व के सामने आ गया ,जो ओसामा के मरने के बाद पाकिस्तान की पूरे विश्व में थू-थू करवाया था ,इसके बाद भी पाकिस्तान ने अपने आप को बदलने की कोशिश नहीं की औरआज एक बार फिर थूकने का काम कर दिया ,पाकिस्तान ने अपने ही घर में ऐसे खूंखार को शरण दिया जो उसकी फजीहत करेगा !
एक बात मुझे समझ में नहीं आता की पाकिस्तान अपने आप को एक ऐसे खाई में क्यों डाल रहा है जो उसको नस्तनाबूत करने में लगा है !चाहे जो हो यह तो अब साफ हो चूका है की पाकिस्तान आतंकवादियों का ठिकाना बन गया है ,जहा अभी भी कई खूंखार अपराधी अपना ठिकाना बनाये हुए है ,जिसमें अलजवाहिरी भी है !भारत और पाकिस्तान दो पडोसी मुल्क है जिन्हें एक दुसरे  के लिए अच्छा सोचना चाहिए ,जो भारत ने हमेशा सोचा पर पाकिस्तान ने उसे उसकी मज़बूरी समझ कर उसका बुरा करना चाहा!पाकिस्तान सायद यह भूल गया था किजो जैसा करता है उसे उसका सजा अवश्य मिलता है ,आज पाकिस्तान वही काट रहा है जो उसने बोया था !जब जब भारत कि तरफ से पाकिस्तान को यह जानकारी दी गयी कि उसके यहाँ खूंखार अपराधियों का ठिकाना है तो पाकिस्तान मानने  को तैयार नहीं हुआ ,पर आज भारत नहीं है जो पाकिस्तान पर दया करेगा आज अमेरिका है ,जो ३० दिन के अन्दर पाकिस्तान से २ खूंखार आतंकवादी को मार गिराया !अब आया ऊट पहाड़ के नीचे !
             

Wednesday, June 1, 2011

जनसंचार के दो साल

मेरा दो साल कैसे जनसंचार में बीत गया मुझे पता तक नहीं चला ,मै शिक्षा से जनसंचार से पहले बहुत दूर था मेरा मन पड़ने लिखने में नहीं लगता था ,मै अपने १८ वर्ष के ही उम्र में ब्यवसाय करने  में लग गया था !ब्यवसाय में सफलता न मिलने पर मै शिक्षा की तरफ बड़ा मेरा मन था एम् बी ए करने का ,जब मै अपने बड़े बुजुर्गो से राय लेना चाहा तो मुझे जनसंचार करने की सलाह मिली और मै वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल में अप्लाई कर दिया ,जिसमें मेरा दाखिला भी हो गया, जीवन का  का महत्वपूर्ण दिन था क्योकि पहली बार मन से शिक्षा और शिक्षक से जुड़ने का दिन था, मै सुबह १० बजे क्लास रूम में प्रवेश किया जहा ७ लोग पहले से थे मै एक जगह जाकर बैठ गया प्राध्यापक आये और सभी का परिचय लिए और अपना भी परिचय दिए उन प्राध्यापक का नाम दिग्विजय सिंह राठौर  था !मुझे  जनसंचार विभाग में ५ शिक्षकों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ जिनमें डॉ मनोज मिश्र ,डॉ अवध बिहारी सिंह,श्री दिग्विजय सिंह राठौर ,श्री जावेद अहमद ,श्री प्रभात सिन्हा थे !गेस्ट फैकल्टी के रूप में श्री मनोज श्रीवास्तव ,श्री उमेश पाठक ,वि आर गुप्ता ,डॉ आज़मी जैसे अनुभवी शिक्षकों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता रहा !
मै अपने कुछ कमियों के कारन कभी -कभी परेशान हो जाता था  वो कमी थी सहन क्षमता जो हमारे पास  नहीं  थी मुझे गलत तो कभी बर्दास्त नहीं होता था ,जिसके कारण मुझे प्रथम सेमेस्टर में ही उसका खामियाजा उठाना पड़ा ,परीक्षा  का समय था पेपर का नाम था विज्ञानं संचार जिसे मनोज सर पढाते  थे! सिटिंग प्लान में जनसंचार के साथ -साथ एम् बी ए की भी परीक्षा थी ,एम् बी ए के छात्र काफी आवाज़ कर रहे थे जिसमें एम् बी ए के शिक्षक भी समर्थन कर रहे थे हम सभी जनसंचार के छात्र  परेशान  थे पर अपने पेपर में इतना व्यस्त  थे की कुछ कह भी न सके !एम् बी ए की एक  शिक्षिका ने हमारे ऊपर आरोप लगया की आप हमारे छात्र को कुछ बता रहे है जिसपर मुझे  गुस्सा आ गया और मैंने  भी अपनी कोपी जमा करते हुए कुछ उल्टा सीधा कहा !जिसका परिणाम  निकला मुझे उस पेपर में पास मार्किंग नंबर दिया गया जबकि मेरे द्वारा वह कोपी सभी कोपी से अच्छी लिखी गयी थी !जनसंचार विभाग में अध्यन करते हुए यह अनुभव हुआ कि शिक्षक जिसको  चाहे टॉप कराये जिसको चाहे फेल कर दे सब उन्ही के हाथ में रहता है जो हमने देखा ,जो छात्र पावरफुल था वो कभी नहीं आया उसे इंटरनल ,प्रेक्टिकल में हमेशा अच्छा नंबर मिलता रहा और जो रोज आये उन्हें पास किया गया !
जनसंचार के दो वर्ष के अध्यन में मुझे प्राणों से प्यारे दोस्त मिले जो हमारे दुःख सुख दोनों में  सहभागी होते रहे  जिसमें नेहा श्रीवास्तव ,सुशिल सिंह ,सतेन्द्र तिवारी ,मंज़ूर ,सहबाज,विजय ,धर्मेन्द्र ,संदीप ,दीपक ,जीतेन्द्र ,अंकुर ,स्वाधीन ,राजेश ,सुरभि श्रीवास्तव ,और प्रमोद यादव थे ,जो समय -समय पर अपना पूरा सहयोग देते रहे ,हम उनके सदा आभारी रहेंगे !


आज मै जनसंचार करने के बाद अपने आप का जब मुल्यांकन करता हूँ तो पता चलता है  कि मै जनसंचार के पहले सो रहा था और अब जनसंचार के बाद नीद से जाग गया हूँ जिसके लिए मै जनसंचार विभाग को धन्यवाद देता हूँ !

Tuesday, May 31, 2011

राजनीति अब देश के लिए खतरा

देश का संविधान बना था देश की रक्षा के लिए देश में रहने वालो की रक्षा के लिए ,जिसे हमारे देश के विद्वानों ने बड़ी मेहनत से सन १९५० में यह सोचकर बनाया था कि लोग इससे महफूज रहेंगे !आज के समय में राजनीति के चलते देश का कानून तार -तार हो रहा है !जहाँ कानून बनाने वाला कानून को तोड़ने में लगा हुआ है वाही कानून का पालन करने वाला कानून का दुरूपयोग कर रहा है !हमारे देश में राजनितिक दलों द्वारा कानून  को तोड़ना आम  बात हो गयी है !देश का केंदीय मंत्री घोटाला पर घोटाला कर रहा है जिसमें देश का  हजारो करोड़ आसानी से हजम कर लिया जा रहा है ,अगर बात खुल भी जा रही है तो उसकी जांच करवाई जाती है जिसमें उसको कुछ दिनों बाद बाइज्जत  बरी कर दिया जाता है !
देश में राज करने वाले राजनितिक दल देश को खोखला करने का  काम कर रहे है ,देश का पैसा विदेशों में जमा करके अपने आने वाले कल को बना रहे है  !देश का आम  नागरिक रोटी -रोटी के लिए मोहताज़ है रात सडको पर बिता रहा है यह उन्हें न तो समझ में आ रहा है और न ही दिख रहा है सिर्फ उन्हें अपना पेट भरना याद है !
               राजनितिक दलों द्वारा सत्ता में आ जाने पर गरीब से गरीब लोगो के खून पसीने कि कमाई से पार्टी का फंड और अपना फंड तैयार किया जाता है !मुख्यमंत्री जिलाधिकारी से पुलिस विभाग के बड़े-बड़े अधिकारी से सीधे रुपयों कि मांग करते है जो अधिकारी व् पुलिस वाले गरीब जनता से वसूलते है !राजनीति अब देश के लिए इस तरह खतरा बन चुकी है कि देश के दुश्मन को लेकर भी खुली राजनीति कि जा रही है !आतंकवादियों ,नक्सलवादियों को भी लेकर राजनितिक दलों द्वारा राजनीति कि जा रही है ! देश कि संसद पर हमला करने वाला अफजल गुरू जो एक आतंकवादी है ,पंजाब में विस्फोट करने वाला भुल्लर जिसमें ९ लोगो कि जाने गयी थी ऐसे लोगो को लेकर देश में राजनितिक पार्टियों द्वारा राजनीति कि जा रही है !