
हिन्दू धर्म की चीर फाड़ कोई नयी बात नहीं है कभी रामचरितमानस जलाये गए तो कभी हिन्दू धर्म के आस्था के प्रतिक भगवान् श्री राम को गलियां दी गयी। कभी देवी देवताओं को गलियां दी गयी। लेकिन हिन्दू धर्म के प्रति लोगों की आस्था में कमी कभी नहीं देखी गयी। कमी तो आज देखी जा रही है भाजपा के सिद्धांतों में जो कभी राम को ढाल बनाकर राजनीति में आये आज वही राम को ही बुरा बता रहे हैं। भाजपा का ये दोहरा चरित्र कोई नया नहीं इसके पहले भी भाजपा का दोहरा चरित्र देश के सामने आ चूका है।जब सत्ता से दूर थे तो राम मंदिर बनाने की बात करते थे और जब सत्ता में आ गए तो राम का नाम भी भूल गए। कभी भ्रष्टाचार को लेकर लगातार सरकार पर हमलें करने वाली भाजपा जिसने इसी मुद्दे को लेकर देश का करोड़ों रूपया (संसद न चलने पर )बरबाद करने में भूमिका निभाई। जब खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फ़सी (नितिन गडकरी के फर्जी कंपनी के मामले में ) तो भ्रष्टाचार का मुद्दा ही भूल गयी। भाजपा के लोग कई बार कहते ही नहीं थकते की मनमोहन सिंह बृद्ध हो चुके है। अब उन्हें गद्दी छोड़ देना चाहिए। जब आडवानी की बात होती है तो उन्ही लोगो को आडवानी नौजवान दिखाई देने लगते है। लेखक किसी भी पार्टी का नहीं है।