Monday, October 10, 2011

समाज सेवा का ढोग क्यों ?

 मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है !यह तो सभी को पता है पर समाज सेवी  बनना कितना आसान है यह तो किसी किसी को पता होता है !हमारे देश में समाज सेवी कहलाना बड़ा आसान हो गया है लोग एक पार्टी का विरोध करके सोचते है की वो सबसे बड़ी समाज सेवा कर रहे है !जबकि की उसके पीछे भी अपना स्वार्थ रहता है!  !यही देखने को मिल रहा है हमारे देश में अभी कुछ दिनों से एक महानुभाव मीडिया में खूब छाये  हुए है लोग उन्हें दूसरा गांधी भी कहने लगे है लेकिन शायद उन्हें यह नहीं मालूम है की गाँधी जी के अन्दर लोभ मोह और स्वार्थ जैसी भावना नहीं थी !वो देश के लिए लड़ रहे थे जबकि आज के  गाँधी अपने स्वार्थ और अपना कैरियर बनाने के चक्कर में पड़े हुए  है !उन्हें एक ही पार्टी नजर में आ रही है जबकि दूसरी पार्टी द्वारा किसी इमानदार और कर्मठ आदमी को सताया जा रहा है वो उन्हें नहीं दिख रहा है !भ्रष्टाचार की बात करने वाले दूसरे गाँधी  शायद यह भूल गए गए है की उनके शाथ रहने वाले सबसे बड़े भ्रष्टाचारी है !जो फ़ौज लेकर वो भ्रष्टाचार की बात कर रहे है और भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ने का ढोग कर रहे है उसी में से एक था  स्वामी  अग्निवेश जिसका काला चेहरा जग के सामने आ गया है !हम उन गाँधी से पूछना चाहते है क्या उन्हें गुजरात में नरेन्द्र मोदी का भ्रष्टाचार नहीं दिख रहा है! जो निर्दोष लोगो को जिन्दा जलाने के बाद उसकी फाइल भी पूरी तरह  बंद करना चाहता है !एक निर्दोष अधिकारी को सता रहा है जो अपने कैरियर में काफी अच्छा काम किया!  हम पूछना चाहते  है उन गांधी से की शंजिव भट्ट का क्या दोस है जिसे आतंकवादी की तरह जेल में रखकर  प्रताड़ित किया जा रहा है !हम पूछना चाहते है उन गांधी से से की गुजरात सरकारमें एक अपराधी जो अहम् गवाह है वह पुलिस के कस्टडी से कैसे भाग निकलता है क्या यह भ्रष्टाचार नहीं है !इन गाँधी को मायावती का भ्रष्ट सासन नहीं दीखता जहा करोडो रूपया वसूल कर, वह भी गरीबो का माया की तिजोरी भरी जाती है !की जिस सासन में कई मंत्री भ्रष्ट होने के नाते सासन से नीकाल दिए जाते है !क्या वो भ्रष्टाचार नहीं है क्यों उनके खिलाफ कोई धरना नहीं दिया जा सकता  है !
दूसरे गाँधी का जो सपना है वो कभी नहीं पूरा हो सकता!क्योंकि उसके लिए त्याग के साथ साथ निस्वार्थ भी होना पड़ेगा !दूसरे गाँधी को जो अभिमान हो गया है की पूरे देश की जनता उनके साथ है और वो पूरे देश के हीरो है तो उनका यह अभिमान जल्द ही टूटने वाला है !क्योकि जो जनता हीरो बनाना जानती है वाही जनता जीरो भी बनाना जानती है !और अब दूसरे गाँधी का जीरो बनने का दिन नजदीक आ गया है !हिसार चुनाव में जो हो रहा है उससे साफ झलक आ रही है की दूसरे गाँधी अब अर्श से फर्श पर आने वाले है !

Saturday, July 2, 2011

फ़ेसबुक का इंद्रासन हिलाने आया गूगल+?


इंटरनेट खोज, ईमेल, एप्स के बाद गूगल का नया बड़ा शगूफ़ा

लेखकः आशुतोष मिश्र  | July 1st, 2011 Google Plus- Stream
इंटरनेट पर गूगल की एक नई नवेली सोशल नेटवर्किंग सेवा गूगल+ (उच्चारणः गूगल प्लस) चंद चुनिंदा आमंत्रितों के लिए प्रारंभ हो गई है। यह http://plus.google.com या http://www.google.com/+ पर उपलब्ध है।
Google Plusमाना जा रहा है कि गूगल+ को फ़ेसबुक को मात देने की नीयत से अच्छी खासी मेहनत कर प्रस्तुत किया जा रहा है। गूगल यूं भी इंटरनेट पर खोज और ईमेल से लेकर ऑफ़िस अनुप्रयोगों तक की तमाम तरह की सेवाएं और वेब अनुप्रयोग प्रदान कर उस क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व बना बैठा है। माईक्रोसॉफ्ट बिंग के प्रवेश के बाद विगत कुछ दिनों में गूगल की बादशाहत को सबसे बड़ा खतरा फ़ेसबुक से ही रहा है, जिसका प्रयोक्ता ने एक दफा रुख किया तो फिर वहीं की हो कर रह गई, ऐसा मुकाम जो आर्कुट को मयस्सर नहीं हो सका। कई क्षेत्रों में तो इंटरनेट प्रयोग के मामले में फ़ेसबुक ने गूगल को पछाड़ कर पहले स्थान पर कब्जा भी कर लिया है। अफवाह तो ये भी है कि गूगल को उसके घर में घुसकर मात देने के लिए फ़ेसबुक ने ईमेल के पश्चात अब अपना सर्च इंजन लाने की भी योजना बना ली है। संभवतः इस समीकरण को बदलने के लिए ही गूगल ने प्लस नामक यह नया सोशल शगूफ़ा छोड़ा है। अब सवाल यही है कि क्या गूगल+ की ये कोशिश कामयाब होगी?
 

Friday, July 1, 2011

हिन्दू धर्म में आस्था के प्रतीक श्री महाकालेश्वर

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मालव प्रान्त की पुराण प्रसिद्ध अवंतिका नगरी ,जिसे आज उज्जैन कहते है ,जो परम पावन क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है ,उसी में विद्यमान है !इस महिमा मय ज्योतिर्लिंग की स्थापना से सम्बंधित  एतेहासिक गाथा यह है की किसी समय में उज्जैन नगरी में चंद्रसेन  नमक राजा राज्य करता था ,वह शिव का अनन्य भक्त था !एक दिन जब वह शिव की आराधना कर रहा था ,उस समय श्रीकर नामक एक पांच वर्षीय गोप बालक अपनी माँ के साथ वहा से होकर निकला !बालक शिव पूजन को देखकर स्वयं भी एक पाषण खंड लेकर उसी को शिव मानकर पूजन में लीन हो गया !माता ने भोजन के लिए बुलाया पर वह बालक नहीं आया और उसकी समाधि भी भंग नहीं हुई !माता ने क्रोध में आकर उस प्रस्तर खंड को उठाकर फेक दिया जिसे वह शिव मानकर पूजन कर रहा था !भक्त बालक ने भगवान् शंकर को पुकारा और उनके दर्शन के लिए बार -बार बिलाप करने लगा !अंत में भोलेनाथ प्रसन्न हुए और बालक के सम्मुख सोने के किवाड़  से युक्त रत्न जटित मंदीर हो गया ,उसने देखा भीतर प्रकाशवान ज्योतिर्लिंग है !बालक बार -बार स्तुति करने लगा , यह संवाद सुनकर राजा भी वहा आये और बालक की बड़ी प्रशंसा की !उसी अवसर पर हनुमान जी प्रकट हुए और उपस्थित जनों से कहा कि एस बालक की आठवी पीढी में नन्द गोप का जन्म होगा !उसके यहाँ भगवान् श्री क्रिष्ण पुत्र  रूप में विविध लीलाए करंगे !इतना कहकर हनुमान जी लापता हो गए !
यह श्री महाकालेश्वर मंदीर मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में है जो भोपाल से लगभग १०० किलो मीटर और इंदौर से लगभग ५० किलो मीटर है !इस पावन नगरी में महाकालेश्वर मंदीर के अलावा बहुत अच्छे  -अच्छे   मंदीर भी है जो उज्जैन कि शोभा बड़ा रहे है !हिंदूं धर्म में यह मान्यताये है कि जो पुरूष एवं महिला इस पुरी में प्रवाहित क्षिप्रा नदी में स्नान करके भगवान् महाकालेश्वर के दर्शन करता है वह मृत्यु से कभी नहीं डरता  न ही कभी चिंतित होता है और उसे मुक्ति प्राप्त होती है !
भारत में भगवान् भोले शंकर  जी के बारह ज्योतिर्लिंग प्रमुख माना जाते  है जो श्री ओम्कारेश्वर .,श्री महाकालेश्वर ,श्री मल्लिकार्जुन ,श्री सोमनाथ ,श्री त्र्यम्बकेश्वर ,श्री विशेश्वर ,श्री भीम शंकर ,श्री केदारेश्वर ,श्री घुश्मेश्वर ,श्री रामेश्वरम ,श्री नागेश्वरम ,श्री वैद्यनाथ ,है !जिसमें महाकालेश्वर का बड़ा स्थान है !
प्रतिदीन सुबह से लेकर शाम तक लाखों भक्त देश के कोने -कोने से महाकाल  के दर्शन  करने आते है ,जिसमें एक दिन मौका  मेरे भी हाथ लगा और मैंने देखा की हिन्दू धर्म में मह्काल जी का स्थान कितना उंचा है ! महाकालेश्वरकी जय हो ,हरहर महादेव,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

Saturday, June 25, 2011

उत्तरप्रदेश में माया का अंत नजदीक

कभी देश का सिरमौर  कहा जाने वाला उत्तरप्रदेश आज अपने अस्तित्व के लिए तरस रहा है ,जहा देश की बागडोर रहती थी जहाँ देश के महानपुरूषों ने जन्म लिया जिसमें चंद्रशेखर आज़ाद ,जैसा क्रन्तिकारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे राज नेता ने जन्म लिया जो देश के पहले प्रधान मंत्री बननेका शुभ अवसर प्राप्त किये ,आज उसी प्रदेश में भ्रष्ट सासन ,भ्रष्ट राजनेता का दौर आ चुका है !प्रदेश  का कानून बनाने वाला कानून तोड़ने में लगा है कभी बलात्कार तो कभी हत्या जैसे अपराध में लिप्त पाया जाता है !
मायावती सरकार से लोगो को बड़ी उम्मीदे थी , महिला होने के नाते व् कभी गरीब परिवारसे होने के नाते   उत्तरप्रदेश की जनता मायावती से बड़ी  उम्मीदे लगा चुकी थी जो तार -तार हो गया ,महिलाओ का सबसे ज्यादा  शोषण  मायावती सरकार में  हुआ जिसमें बलात्कार ,दहेज़ प्रथा  के अंतर्गत ज्यादा ही शोषण हुआ !माया सरकार का खोखला दावा कि हमारे सासन में अपराध नहीं होगा ,गरीब व् पिछड़े लोगो का खास ध्यान दिया जायेगा जैसा खोखला दावा  खुल कर सामने आ गया,जहा मायावती सरकार में विधायक वलात्कार कर रहा है वहीँ  विधायक का भाई अपहरण और वलात्कार दोनों कर रहा है ,अभी तक का इतिहास देखा जाय तो पता चलेगा कि अपने चार वर्ष में कोई ही ऐसा सासन रहा हो कि जिसमें इतनी सख्या में विधायक और मंत्री ऐसे घिनौने अपराध में लिप्त पाए गए हो !महिलाओं  कि मसीहा कही जाने वाली मायावती कि फ़ौज ने ही महिलाओं  पर ज्यादा ऐसा कुठारा घात किया कि आज एक बार फिर से महिलाएं  घर से निकलने में दस बार सोच रही है !
चुनाव  नजदीक है और ऐसे में अगर मायावती की फ़ौज के सिपाही  अगर ऐसे ही अपराध में लिप्त पाए जाते रहे तो मायावती की फ़ौज टूट जाना एक दम तय है और जो बचे खुचे होंगे उन्हें जनता तोड़ देगी कौन चाहेगा की उसका रक्षक ही उसका भक्षक हो और उसके मां बहन  के साथ वलात्कार करे उसकी जमीन जयदात हड़प ले  उसके किसी परिवार के सदस्य का अपहरण कर लें !?

Sunday, June 5, 2011

याद आ गयी इमरजेंसी १९७५

एक घटना दूसरे घटना को सोचने के लिए  मजबूर कर देती है,  जब हम दोनों घटनाओं को  एक साथ सोचने लगते है तो एक घटना का दूसरे घटना से सम्बन्ध निकल कर सामने आ जाता है !बाबा रामदेव इस समय काफी चर्चा में है क्योकि उन्होंने भ्रष्टाचार  के खिलाफ आन्दोलन छेड़ दिया है जिसमें उनकी मांग है की देश का हजारो करोड़ रूपया जो बड़े -बड़े नेताओ ,बड़े -बड़े पूंजीपतियों  ने विदेशो में जमा कर रखा है उसे देश में लाया जाय और उस पैसे से देश का विकाश हो !बाबा रामदेव ४ जून से दिल्ली  के रामलीला मैदान में अपने लाखों भक्तो के साथ अनशन पर बैठ गए ,शायद उन्हें यह याद नहीं था की जिस सरकार के खिलाफ उनका यह आन्दोलन था वह सरकार किसी और पार्टी की  नहीं बल्कि कांग्रेस  की है जिन्हों ने  इंदिरा गांधी के सासन काल में सन १९७५ में पूरे देश को अपने हाथ में लेने की चाहत दिखाई थी पर उसका हश्र क्या हुआ यह कहने की जरूरत नहीं है वह तो पूरा देश जानता है !उस समय पूरे देश में किसी को भी यह स्वतंत्रता नहीं थी की वह आन्दोलन कर सके अपनी बात रख सके !
५ जून २०११ का दिन एक बार फिर १९७५ की याद दिला दिया, हुआ यूं की बाबा रामदेव  का रामलीला मैदान पर आन्दोलन का दूसरा दिन था रात के ३ बजे थे तभी बाबा के समर्थकों पर पुलिस की लाठी बरसने लगी ,न तो कोई सूचना न कोई सन्देश सभी समर्थक सो रहे थे तभी पुलिस वालों का तांडव सुरू हो गया !बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया और यह कहा गया की आप लोगो का समय मात्र एक दिन और पांच हजार लोगों का था जबकि आप लोगों की संख्या लाखों में है !किसी को सर में चोट आई तो किसी को पैर में जो जहाँ भगा वो वही!यह समय स्वतंत्रता के समय की याद दिलाता है जब गांधी जी और उनके समर्थक आन्दोलन के समय अंग्रेजों के शिकार हुआ करते थे  पुलिस की लाठियां खाया करते थे !

      
ek ghata

Saturday, June 4, 2011

अब आया ऊट पहाड़ के नीचे

एलियास कश्मीरी २६/ ११ का मास्टर माइंड
आज का दिन एक विशेष दिन हो गया क्योंकि आज हमारे देश का एक बड़ा दुश्मन मौत के घाट उतार दिया गया  ,जो रहता तो था  पाकिस्तान में मगर नुकशान भारत का करता था ,नाम  था इलियास  कश्मीरी जो मुंबई पर २६-११ को आतंकवादी हमले का मास्टर माइंड  था जिसे पाकिस्तान बचाना चाहता था !आज बी बी सी पर जब यह सुनने को मिला तो दिल को बड़ी तसल्ली मिली की अमेरिका के एक ड्रोन हमले में कश्मीरी मारा गया !आज एक बार फिर पाकिस्तान का असली चेहरा पूरे विश्व के सामने आ गया ,जो ओसामा के मरने के बाद पाकिस्तान की पूरे विश्व में थू-थू करवाया था ,इसके बाद भी पाकिस्तान ने अपने आप को बदलने की कोशिश नहीं की औरआज एक बार फिर थूकने का काम कर दिया ,पाकिस्तान ने अपने ही घर में ऐसे खूंखार को शरण दिया जो उसकी फजीहत करेगा !
एक बात मुझे समझ में नहीं आता की पाकिस्तान अपने आप को एक ऐसे खाई में क्यों डाल रहा है जो उसको नस्तनाबूत करने में लगा है !चाहे जो हो यह तो अब साफ हो चूका है की पाकिस्तान आतंकवादियों का ठिकाना बन गया है ,जहा अभी भी कई खूंखार अपराधी अपना ठिकाना बनाये हुए है ,जिसमें अलजवाहिरी भी है !भारत और पाकिस्तान दो पडोसी मुल्क है जिन्हें एक दुसरे  के लिए अच्छा सोचना चाहिए ,जो भारत ने हमेशा सोचा पर पाकिस्तान ने उसे उसकी मज़बूरी समझ कर उसका बुरा करना चाहा!पाकिस्तान सायद यह भूल गया था किजो जैसा करता है उसे उसका सजा अवश्य मिलता है ,आज पाकिस्तान वही काट रहा है जो उसने बोया था !जब जब भारत कि तरफ से पाकिस्तान को यह जानकारी दी गयी कि उसके यहाँ खूंखार अपराधियों का ठिकाना है तो पाकिस्तान मानने  को तैयार नहीं हुआ ,पर आज भारत नहीं है जो पाकिस्तान पर दया करेगा आज अमेरिका है ,जो ३० दिन के अन्दर पाकिस्तान से २ खूंखार आतंकवादी को मार गिराया !अब आया ऊट पहाड़ के नीचे !
             

Wednesday, June 1, 2011

जनसंचार के दो साल

मेरा दो साल कैसे जनसंचार में बीत गया मुझे पता तक नहीं चला ,मै शिक्षा से जनसंचार से पहले बहुत दूर था मेरा मन पड़ने लिखने में नहीं लगता था ,मै अपने १८ वर्ष के ही उम्र में ब्यवसाय करने  में लग गया था !ब्यवसाय में सफलता न मिलने पर मै शिक्षा की तरफ बड़ा मेरा मन था एम् बी ए करने का ,जब मै अपने बड़े बुजुर्गो से राय लेना चाहा तो मुझे जनसंचार करने की सलाह मिली और मै वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल में अप्लाई कर दिया ,जिसमें मेरा दाखिला भी हो गया, जीवन का  का महत्वपूर्ण दिन था क्योकि पहली बार मन से शिक्षा और शिक्षक से जुड़ने का दिन था, मै सुबह १० बजे क्लास रूम में प्रवेश किया जहा ७ लोग पहले से थे मै एक जगह जाकर बैठ गया प्राध्यापक आये और सभी का परिचय लिए और अपना भी परिचय दिए उन प्राध्यापक का नाम दिग्विजय सिंह राठौर  था !मुझे  जनसंचार विभाग में ५ शिक्षकों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ जिनमें डॉ मनोज मिश्र ,डॉ अवध बिहारी सिंह,श्री दिग्विजय सिंह राठौर ,श्री जावेद अहमद ,श्री प्रभात सिन्हा थे !गेस्ट फैकल्टी के रूप में श्री मनोज श्रीवास्तव ,श्री उमेश पाठक ,वि आर गुप्ता ,डॉ आज़मी जैसे अनुभवी शिक्षकों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता रहा !
मै अपने कुछ कमियों के कारन कभी -कभी परेशान हो जाता था  वो कमी थी सहन क्षमता जो हमारे पास  नहीं  थी मुझे गलत तो कभी बर्दास्त नहीं होता था ,जिसके कारण मुझे प्रथम सेमेस्टर में ही उसका खामियाजा उठाना पड़ा ,परीक्षा  का समय था पेपर का नाम था विज्ञानं संचार जिसे मनोज सर पढाते  थे! सिटिंग प्लान में जनसंचार के साथ -साथ एम् बी ए की भी परीक्षा थी ,एम् बी ए के छात्र काफी आवाज़ कर रहे थे जिसमें एम् बी ए के शिक्षक भी समर्थन कर रहे थे हम सभी जनसंचार के छात्र  परेशान  थे पर अपने पेपर में इतना व्यस्त  थे की कुछ कह भी न सके !एम् बी ए की एक  शिक्षिका ने हमारे ऊपर आरोप लगया की आप हमारे छात्र को कुछ बता रहे है जिसपर मुझे  गुस्सा आ गया और मैंने  भी अपनी कोपी जमा करते हुए कुछ उल्टा सीधा कहा !जिसका परिणाम  निकला मुझे उस पेपर में पास मार्किंग नंबर दिया गया जबकि मेरे द्वारा वह कोपी सभी कोपी से अच्छी लिखी गयी थी !जनसंचार विभाग में अध्यन करते हुए यह अनुभव हुआ कि शिक्षक जिसको  चाहे टॉप कराये जिसको चाहे फेल कर दे सब उन्ही के हाथ में रहता है जो हमने देखा ,जो छात्र पावरफुल था वो कभी नहीं आया उसे इंटरनल ,प्रेक्टिकल में हमेशा अच्छा नंबर मिलता रहा और जो रोज आये उन्हें पास किया गया !
जनसंचार के दो वर्ष के अध्यन में मुझे प्राणों से प्यारे दोस्त मिले जो हमारे दुःख सुख दोनों में  सहभागी होते रहे  जिसमें नेहा श्रीवास्तव ,सुशिल सिंह ,सतेन्द्र तिवारी ,मंज़ूर ,सहबाज,विजय ,धर्मेन्द्र ,संदीप ,दीपक ,जीतेन्द्र ,अंकुर ,स्वाधीन ,राजेश ,सुरभि श्रीवास्तव ,और प्रमोद यादव थे ,जो समय -समय पर अपना पूरा सहयोग देते रहे ,हम उनके सदा आभारी रहेंगे !


आज मै जनसंचार करने के बाद अपने आप का जब मुल्यांकन करता हूँ तो पता चलता है  कि मै जनसंचार के पहले सो रहा था और अब जनसंचार के बाद नीद से जाग गया हूँ जिसके लिए मै जनसंचार विभाग को धन्यवाद देता हूँ !

Tuesday, May 31, 2011

राजनीति अब देश के लिए खतरा

देश का संविधान बना था देश की रक्षा के लिए देश में रहने वालो की रक्षा के लिए ,जिसे हमारे देश के विद्वानों ने बड़ी मेहनत से सन १९५० में यह सोचकर बनाया था कि लोग इससे महफूज रहेंगे !आज के समय में राजनीति के चलते देश का कानून तार -तार हो रहा है !जहाँ कानून बनाने वाला कानून को तोड़ने में लगा हुआ है वाही कानून का पालन करने वाला कानून का दुरूपयोग कर रहा है !हमारे देश में राजनितिक दलों द्वारा कानून  को तोड़ना आम  बात हो गयी है !देश का केंदीय मंत्री घोटाला पर घोटाला कर रहा है जिसमें देश का  हजारो करोड़ आसानी से हजम कर लिया जा रहा है ,अगर बात खुल भी जा रही है तो उसकी जांच करवाई जाती है जिसमें उसको कुछ दिनों बाद बाइज्जत  बरी कर दिया जाता है !
देश में राज करने वाले राजनितिक दल देश को खोखला करने का  काम कर रहे है ,देश का पैसा विदेशों में जमा करके अपने आने वाले कल को बना रहे है  !देश का आम  नागरिक रोटी -रोटी के लिए मोहताज़ है रात सडको पर बिता रहा है यह उन्हें न तो समझ में आ रहा है और न ही दिख रहा है सिर्फ उन्हें अपना पेट भरना याद है !
               राजनितिक दलों द्वारा सत्ता में आ जाने पर गरीब से गरीब लोगो के खून पसीने कि कमाई से पार्टी का फंड और अपना फंड तैयार किया जाता है !मुख्यमंत्री जिलाधिकारी से पुलिस विभाग के बड़े-बड़े अधिकारी से सीधे रुपयों कि मांग करते है जो अधिकारी व् पुलिस वाले गरीब जनता से वसूलते है !राजनीति अब देश के लिए इस तरह खतरा बन चुकी है कि देश के दुश्मन को लेकर भी खुली राजनीति कि जा रही है !आतंकवादियों ,नक्सलवादियों को भी लेकर राजनितिक दलों द्वारा राजनीति कि जा रही है ! देश कि संसद पर हमला करने वाला अफजल गुरू जो एक आतंकवादी है ,पंजाब में विस्फोट करने वाला भुल्लर जिसमें ९ लोगो कि जाने गयी थी ऐसे लोगो को लेकर देश में राजनितिक पार्टियों द्वारा राजनीति कि जा रही है !

Saturday, May 21, 2011

जरा बच के नेता जी

भट्टा परसौल गाँव, जिसे आज के कुछ दिन पहले तो हम नहीं जानते थे लेकिन एक दिन एका -एक राहुल गांधी  का दौरा हुआ ,तो उस गाँव को  मै भी जान  गया और पूरा देश  भी जान गया !किसानो को लेकर यह गाँव काफी दिनों  से अपनी जमीं के लिए उत्तर  प्रदेश सरकार से  लड़ रहा है !जमीं के वास्ते भट्टा परसौल  गाँव  कितने अपनो को खो चुका है ,कितनो का इज्जत आबरू खो चुका है !यह दर्द कांग्रेस के युवराज को बर्दास्त नहीं हुई और वह भट्टा  परसौल गाँव पंहुच गए, जहा वे  किसानो के साथ उत्तर प्रदेश सरकार से दो -दो हाथ करने के लिए तैयार हो गए ,जो माया सरकार को राष नहीं आया और माया सरकार ने कांग्रेस के युवराज को गिरफ्तार कराके उत्तर प्रदेश से खदेड़ती हुई दिल्ली तक पहुंचा  दी !कांग्रेस  और राहुल गांधी को यह बात थोड़ा भी नहीं पची दूसरे दिन राहुल और भट्टा परसौल गाँव के कुछ लोग प्रधानमंत्री से मिलने पहुँच  गए जहा उन्होंने माया सरकार के खिलाफ पत्ता खोला वही राहुल ने माया सरकार के खिलाफ कई आरोप लगाये ,उन्होंने कहा कि७०लोगो को मार कर फेक दिया गया और महिलाओं का बलात्कार भी  किया गया !कांग्रेस के युवराज का यह बयान आग में घी का काम किया और और सरकार सक्तें  में आ गयी !सरकार ने जांच के आदेश दिए जो आज तक अभी भी चल रही है ,लेकिन सोचने वाली बात है कि अगर ७० लोगो कि मौत हुई तो क्या वहा मीडिया सो रही थी जो आज तक समाज के सामने नहीं ला सकी !ऐसे बयान से  यह  साफ जाहिर हो रहा है कि यह राहुल कि ना समझी है जो इस  तरह के बयान के लिए एक बार भी सोचने का मौका नहीं दी !राहुल भाभिश्य  के नेता है उन्हें ऐसे बयान से बचना चाहिए जो उनको सासत में डाल दे, अब  वे बच्चा नहीं रहे वे देश के एक बड़े नेता है !जरा बचके राहुल जी !

Wednesday, May 18, 2011

आयल चुनाव नेता जी काँव -कांव करे लगना

चुनाव के समय के नेता rahul जी  
हमारा देश लोकतान्त्रिक देश है जहाँ लोकतान्त्रिक तरीके से नेता चुना जाता है मेरे कहने का मतलब है चुनाव के माध्यम से हम नेता चुनते है !हमारे देश में नेता बनने के लिए किसी शिक्षा ,सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होती यानी जो चाहे वह नेता बन सकता है  उसके लिए उसे भारत का नागरिक होना ,१ ८ वर्ष की उम्र का होना ,सजायाफ्ता न होना आदि बातो का जरूर ध्यान दिया जाता है !अगर हम नेता को परिभाषित करे तो नेता उसे कहना चाहिए जो  नीतियों का निर्धारण करे  और नीतियों का निर्धारण वही कर सकता है जो समाज को समाज की आवश्यकताओं व् समाज के विकाश के बारे में सोच व् समझ  सके !हमारे देश के नेता नीतियाँ समाज के विकाश के लिए कम अपने लिए ज्यादा बनाते है जिससे देश व् समाज का विकाश  कम उनका विकाश अधिक होता है !चुनाव आते ही गाँव -गाँव, गली -गली ,धुप में ठण्ड में पार्टियों में शादी विवाह में व् किसी के भी बुलाने पर नेता हाजिर हो जाते है लेकिन जब नेता जी चुनाव जीत जाते है तब ५ शाल के लिए जनता ,समाज विकाश से कोई मतलब नहीं रहता !नेता जी किसी बड़ेंशहर में अच्छा खाशा बंगला बनवाकर ,ए सी  लगवाकर बड़ीं -बड़ीं गाड़ियों में घुमा करते है !भोली भाली जनता ऐसे  नेताओ का बोलबच्चन हर चुनाव में सुनती है और उम्मीद की दीवार पर हर बार चलती है ,किसी न किसी को अपना नेता चुन लेती है लेकिन  उनकी उम्मीद एक बार फिर धोखा खां जाती है !
उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव जैसे ही जैसे नजदीक आ रहा है वैसे ही वैसे नेता जी लोगो का गावों में आना जाना बड़ रहा है कही मिश्र जी के यहाँ बट्टी चोखा की दावत है तो कही यादव जी व् बाबू  साहब के यहाँ पार्टी जिसमें मीट मछली की बढ़िया व्यव्श्था है जिसका पूरा खर्च नेता जी उठा रहे है !कही देवी देवताओं के स्थान पर प्रबचन तो कही मुसयारा का आयोजन किया जा रहा है !यह भोली भाली जनता कब इन नेताओ को समझेंगें यह तो समय ही बताएगा !
आज ऐसे नेताओं का कही कही पूछ नहीं है जो गरीब और समाज के  रखवालें हैजो समाज के लिए आज भी लड़ रहे है ,आज उन्ही नेताओं की पूछ है जो बड़ी -बड़ी गाड़ियों दो चार गनर लेकर चलते है और चुनाव आते ही छोट भैआ नेताओं को लेकर पैसों  को लुटाते है !गजब की आज की जनता है और गजब के नेता जो चुनाव आते ही कांव -कांव करने लगते है !

Monday, May 16, 2011

आने वाला कल कैसा होगा

विकाश एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है यह तो सभी को पता है लेकिन समय कैसे -कैसे परिवर्तित होगी यह किसी-किसी को पता होता है !आने वाला समय कैसा होगा यह सोच कर बड़ा अजीब सा लगता है ,अगर हम अपने कुछ दिन पहले के  भूत काल में जाये,जब हमें लोग बताते थे की एक दिन ऐसा आएगा की हम सब एक छोटे से यन्त्र के माध्यम से देश के किसी भी कोने में  रहकर आपस में बात चीत कर सकते है  तो हमें विश्वास नहीं होता था और ऐसा लगता था की यह सब कोरी बाते है लेकिन आज यह आसान सी बात है !
इसी तरह अगर हम अपने कल को सोचे तो  बड़ा अजीब सा लगेगा जैसे -चश्में में फिल्म  देखा जायेगा ,एक आदमी ऐसा होगा जो आपका सारा काम काज कर देगा ,मीडिया फिल्ड से संवाददाता  की छुट्टी हो जाएगी क्योकि  हर व्यक्ति के हाथ में  एक ऐसा मोबाइल होगा जिससे वह नेट का माध्यम लेकर  समाचारों को संप्रेषित कर लेगाऔर मीडिया संस्थान उस समाचार को लोगो तक बड़े आसानी से पंहुचा देंगे  !मनुष्य अपने बाल से मोबाइल चार्ज करेगा ,लोग खाने की जगह एक कैप्सूल खांकर रहेंगे ,कम्प्यूटर के की बोर्ड पर हाथ तक नहीं लगाना होगा जो आदमी सोचेगा वह आटोमेटिक हो जायेगा ,कृषि योग्य जमीनों पर एयरपोर्ट खेलकूद मैदान बचे खुचे जमीं पर लोगो का आलीशान मकान होगा !लडकियां  शादी के लिए लडको से करोडो रूपया मांगेगी ,जो सबसे आमिर लोग होंगे वाही लोग साल दो साल में एक बार नहाने को पाएंगे बाकि सब लोग बिना नहाये ही रहेंगे !दस सदस्यों के  परिवार की बात लोग इतिहास में पड़ेंगे ,हमारा यह लेख  भी लोग पड़ेंगे और हमें बहुत बड़ा बिद्वान या भाभिश्यवक्ता कहेंगे !

अब नोकिया भी बेचेगी हाथ घडी



एक समय था जब  बिल अपटूडेट लोगो के हाथों में घडी को जरूर देखा जाता था  ,हर कोई व्यक्ति अपने आप को स्मार्ट साबित करने के लिए घडी पहनता था !घडी की अनेक कंपनिया अपने -अपने ब्रांड को लेकर बाज़ार में  अनेको दावा किया करती थी की मेरी घडी वाटर  प्रूफ है ,मेरी रात   के लिए उपयोगी तो कोई कहता था मेरा कलर आजीवन बना रहेगा अन्य -अन्य !बाज़ार में आये अनेको ब्रांड साम तक अपनी-अपनी जेब गरम कर लेते थे उन ब्रांडो में टाइटन ,सोनाटा ,टाइमेक्स ,सिटिजन आदि थी !
समय के साथ -साथ घडी का व्यवसाय धीरे -धीरे कम होता चला गया जहा अनेको कम्पनियाँ  आपस में प्रतिस्पर्धा कर रही थी वहीएक ऐसा इलेक्ट्रोनिक डिवाइस आया जो पूरे घडी व्यवसाय को ही चुनौती देने लगा और  लोगो के हाथों  से घड़िया छीन लिया ,आज वह डिवाइस हर किसी की पहली पसंद बनकर सबकी जेब में है ,लगभग सभी उससे परिचित है वह आज लोगो की नीद ,चैन ,व् जिंदगी जीने का सहारा बन गयी है !वह डिवाइस कुछ और नहीं मोबाइल है !मोबाइल के आ जाने से घडी लोगो के रिस्ट से उतर गयी ,चाहे हम समय का परिवर्तन कहे चाहे आवस्यकता की कमी, लेकिन घडी लोगो से दूर होती चली गयी !
समय एक बार फिरसे  बदलने  वाला है ,किसी का दिन फिर से आने वाला है जिसको लोग अनावश्यक समझते थे वह एक बार फिर से लोगो के अंग से जुड़ने वाला है ,बसरते अब ब्रांड बदलने वाला है पहले टाइटन  सोनाटा सिटिजन था तो अब नोकिया सैमसंग एलजी सोनी व चाइना ब्रांड होगा !जिस तरह से मोबाइल ने घडी को दूर भगा दिया था उससे किसी को उम्मीद नहीं थी की एक दिन फिर से हमें घडी की जरूरत समझ में आयंगी लेकिन वह समय अब आ गया है जब हर किसी के हाथ में घडी होंगी जिसमे समय देखने के साथ साथ दूर दराज उपस्थित लोगो से बात करने की सुबिधा होंगी साथ में आडिओ  विडिओ सिस्टम भी होगा !जब किसी को जरूरत पड़ेगी बात करने की तो उसे हाथ ऊपर उठा कर कान तक लगाया और बात हो गयी !

भारत जैसे देश में चाइना का बोलबाला है चाइना का अर्थ है चाइना मोबाइल से जो बाज़ार में अपना घडी  वाला मोबाइल उतार चुका है जिसे लोग बहुत ज्यादा पसंद कर रहे है !बड़ी -बड़ी कंपनिया बाज़ार में आने का पूरी तरह से मूड बना चुकी है !

Wednesday, May 11, 2011

बीसवी सदी का परिवार

आशुतोष मिश्र की माँ और पत्नी
किसी भी परिवार का महत्त्वपूर्ण भाग होते है माता पिता और बच्चे, जिसके बगैर किसी भी परिवार को पूर्ण परिवार कहना गलत होगा !किसी भी परिवार का मुखिया पिता व निर्देशक माता होती है और बच्चे कार्यकर्ता होते है और ऐसे में  परिवार विकास के लिए हमेशा अग्रसर रहता है !अगर हम परिवार के प्रकार की बात करे तो वह २ प्रकार का अधिकांश होता है, पहला एकांकी परिवार दूसरा संयुक्त परिवार !एकांकी परिवार में माता पिता व् बच्चे होते है ,जबकि संयुक्त परिवार में इन महत्त्वपूर्ण लोगो के आलावा दादा ,दादी ,चाचा चाची व् उनके बच्चे भी हो सकते है !अगर हम भारत जैसे देश को दो भागो में बाट दें, शहरी भाग व् ग्रामीण भाग तो हम पाएंगे की शहरो में एकांकी परिवार व ग्रामीण में संयुक्त परिवार की संख्या अधिक होगी !
बीसवी सदी के पूर्व के परिवार और बीसवी सदी के बाद के परिवार को अगर हम देखे तो जमीं व असमान का अंतर देखने को मिलेगा ! बीसवी सदी  के पूर्व का परिवार  प्रेम और सौहार्द पर चलता था जबकि आज का परिवार पैसो व् रुपयों पर चलता है !आज के परिवार में लोगो की कम पैसो व् रुपयों का महत्व अधिक हो गया है !जिसका उदहारण आप फिल्मो के माध्यम से देख सकते है फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई में आज के परिवार के बारे में आप सभी देख चुके है! जिस तरह से आज कल के बच्चे अपने  माँ बाप को अपने सर का बोझ समझ रहे है और उन्हें आश्रम जाने के लिए मजबूर कर दे रहे है उससे यह साबित हो जा रहा है की बीसवी सदी का परिवार किस तरह से टूटता जा रहा  है !आज परिवार के जिस सदस्य के पास पैसा है उसका सम्मान है और जिस सदस्य के पास पैसा नहीं है उसका परिवार में  रहना मुश्किल है !
जौनपुर जिले के रामपुर गाँव का एक वाकया है जो बीसवी सदी के परिवार को प्रतिबिंबित कर रहा है !उमाशंकर मिश्र उम्र ८० वर्ष जिनके पास ३ पुत्र व् ५ पौत्र थे परिवार की संख्या १६ थी ,उमाशंकर की तबियत हमेशा ख़राब रहती थी लेकिन उनके पास उनका अपना कोई नहीं था सभी मुंबई शहर में रहते थे ,उन्हें हमेशा अपने अगल बगल के लोगो का सहारा लेना पड़ता था ,एक दिन  उमाशंकर की तबियत एकाएक ज्यादा  ख़राब हो गयी और वे डाक्टर के यहाँ तक भी नहीं पहुच सके और उनका स्वर्गवास हो गया !जब तक उनका अंतिम संस्कार किया जाता तब तक उनका कोई न आ सका ,अगल बगल के लोगो ने अंतिम संस्कार किया !यह है बीसवी सदी का संयुक्त परिवार जहाँ पिता को अंतिम समय कन्धा  तक नसीब नहीं है !
परिवार को समझना आज के समाज के लिया चुनौती है ,पैसा तो आज है कल नहीं रहेगा जगह जमीनआज है जाते समय साथ नहीं रहेगी ,लेकिन परिवार में किया गया कार्य आपस का प्यार सालो साल का चर्चा का विषय जरूर बन जाता है !

Thursday, April 7, 2011

आदत में सुधारऔर खान पान पर दें ध्यान ... 
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर में विश्व स्वश्थ दिवस  मनाया गया !जिसमें मुख्या वक्ता के रूप में डाक्टर वीएस उपाध्याय ने कहा की स्वाश्थ के लिए  सबसे ज्यादा जागरूक होना आवश्यक है! अपने खान पान को ध्यान में रखना स्वश्थ  के लिए अधिक जरूरी है, जिसमें ऐसे पदार्थ को ले जो आपके लिए लाभकारी हो जैसे मछली ,सोयाबीन .आख्रोट व् कोहड़ा जो अधिक लाभकारी है !उन्होंने कहा की स्वश्थ रहने के लिए हर मनुष्य को प्रतिदिन कम से कम २ घंटे व्यायाम करना आवश्यक है! 
कार्यक्रम में बिशेष रूप से डाक्टर राम जी लाल ,डाक्टर मनोज मिश्र ,डाक्टर अवध बिहारी सिंह ,श्री दिग्विजय सिंह राठौर व सभी विभागों के छात्र मौजूद रहें! 

पत्रकारिता और पत्रकार की समाज में भूमिका

समय के साथ -साथ  परिवर्तन तो आवश्यक है ,परन्तु ऐसे परिवर्तन से बचना चाहिए जो अपने आधार और अस्तित्व को खतरे में डाल दे ! पत्रकारिता  की आवश्यकता हमें तब  पड़ी थी जब दमनकारी  सासन प्रजा  पर कठोर चोट पंहुचा रहा था   !1780 में जेम्स आगस्तक हिक्की ने   बंगाल गजट नामक प्रथम भारतीय समाचार पत्र निकला ,जिसका उद्देश्य था  सासन द्वारा लिए गए निर्णयों को प्रजा या जनता तक पहुँचाना  व् जनता की बात सासन तक पहुँचाना   !जिसको सासन की तरफ से बहुत दबाने की कोशिश की गयी !
आज़ादी के पूर्व भारतीय अखबारों ने  काफी सघर्ष किया ,आज़ादी के लिए व् विचार  अभिव्यक्ति  के लिए अनेक पत्रकारों एवं समाचार पत्रों ने  अपनी -अपनी कुर्बानिया दी , देश को आजाद कराने व् अभिव्यक्ति स्वतंत्रता में अपनी भूमिका निभाई  !समाज को एक ऐसा रूप दिया जिसमें सभी अपने विचारों एवं भावों को व्यक्त कर सकें !अपने इन्ही कार्यो से पत्रकारिता देश का चौथा अस्तंभ बनकर उभरा जो कार्यपालिका ,न्यायपालिका ,विधायिका को सुचारू रूप से चलाने के लिए  कंधे से कन्धा मिलाकर चलने लगा ,लोगो को पत्रकारिता से उम्मीदे बड़ने लगी, कि चौथा अस्तंभ देश के विकाश व् समाज के  विकाश के लिए हमेशा अग्रसर रहेगा !
देश आजाद हो गया समाज व् देश, विकाश के पथ पर चलने लगा (१९४७ ) ,ऐसे में देश के कोने-कोने से अनेकों समाचार पत्र व् पत्रकारों का उदय हुआ ,जो देश के लिए  शुभ संकेत माना जा रहा था !किसी को क्या मालूम था की एक दिन ऐसा परिवर्तन आएगा की पत्रकारिता और  पत्रकार दोनों की दिशा दशा  बदल जाएगी ,जहा पत्रकारिता धंधा बन गया वहीँ पत्रकार दलाल या मध्यस्त ,जिसका जीता जगाता सबूत आप सभी के सामने है !आज समाचार पत्र वही बोलते है जो उनका मालिक बोलता है और उनका मालिक वही बोलता है जो आथिक ,राजनैतिक सहयोग देने वाले बोलते है !आम आदमी की बातें न तो समाचार पत्र करते है न ही न्यूज़   चैनल और न्यूज़  चैनल तो हद्द ही कर दिए है सुबह से लेकर शाम तक समाचार कम नाच ,गाना , विज्ञापन अधिक दिखाते है !दिशा हीन पत्रकार शायद उन्हें भूल गए जिन्होंने अपने कलम के बल पर समाज बनाया ,देश बनाया और नाम भी कमाया ,जिनको आज भी आदर सम्मान मिलता है !उद्हरण के रूप में हम गाँधी ,मदन मोहन मालवीय ,राम मोहम राय जी को ले सकते है !
समाज में अपराध व् भ्रष्टाचार्य को  भी आज पत्रकारों के द्वारा ही बढावा दिया जा रहा है जिसे कुछ दिनों पहले आपने २ जी स्पेक्ट्रम  मामले में देखा !यह है दिशा हीन पत्रकारिता जो अपने आप पर इतरा रहा है ,शायद यह भूल गया है कि जिसका आधार व् दिशा दशा नहीं होती उसका अंत समीप होता है

Friday, April 1, 2011

आइना भारत का




उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में मुसहर समाज की स्थिति ,ये है भारत का विकास जो आपके सामने है!इस समाज को क्यों  नहीं मिलती सुबिधायें ,इसके लिए कौन है जिम्मेदार आप बताये एक राय के रूप में !

Tuesday, March 29, 2011

आज़ाद कब और कौन

जिस आज़ादी के लिए हमारे देश के लाखों देश भक्तो ने अपने प्राणों की आहुति दे दी ,क्या वह आज़ाद हुआ ? अगर आजाद हुआ तो वहा के आम नागरिको की आज़ादी कहा गयी !वैसे तो भारत १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजो से आजाद हुआ था ,जो सबको पता है !यहाँ की आम जनता कब आजाद होगी ,जिसको हमेशा बंधन में बांध कर रखा गया है !चाहे अधिकतर महिला पुरूषों के बंधन में हो ,चाहे दबे कुचले अमीरों के चुंगल में हो सभी अपने अपने आज़ादी के लिए परेशान है !हमें एक बार फिर से अंग्रेजो के सासन को याद करना चाहिए जो आज के सासन से मिलता जुलता है !अंग्रेजो ने भी आम जनता का शोषण किया था जिसके माध्यम थे सिपाही और आज भी शोषण के माध्यम है सिपाही !तो हम कैसे कह सकते है की हमारा देश आजाद हो गया है !जबकि यहाँ की आम जनता तो अभी भी गुलाम है जैसा की हम पहले ही कह चुके है !अंतर अगर  हम देखे तो अंग्रेजो के सासन में और आज के सासन में सिर्फ इतना है की तब आज़ादी के लिए देश की एक फौज थी जो आजाद करना चाहती थी !जबकि अब आज़ादी के लिए  एक फ़ौज की जरूरत है !

खाश तुम्हारे लिए


मेरा दोस्त दिलीप

ये कौन कहता है कि हम दूर है तुमसे
बस बात इतनी सी कि मजबूर है दिल से !
हम फिर भी आयेंगे गमे बहार ज़ब होंगी
हम फिर भी आयेंगे दुखो कि मार जब होगी !
हर वक्त जुड़े है दिलो के तार अब  दिल से
ये कौन कहता है कि हम दूर है तुमसे !
वह यार भी क्या जो जीने भर का यार होगा
मरने के बाद भी तेरा मेरा प्यार होगा !
मर के भी तेरे वास्ते रहेंगे सकून से
ये कौन कहता है कि हम दूर है तुमसे !

Monday, March 28, 2011

देश हमारा

देश हमारा सबसे न्यारा
जिसकी धरोहर bhaichara ! 
हिन्दू muslim bhai bhai
और यहाँ  है  सिख  इसाई !
सबमें देखो आपस का मेल
जिसका उदाहरण भारतीय रेल !
गंगा जमुनी तहजीब हमारी
जो और देशो पर पड़ी है भारी!
राम कृष्ण का जन्म हुआ
जिसको जाने जग या सारा
इसी धरा पर सचिन है जन्में
जिसका लोहा विश्व ने माना!
दुनिया वालो देखो नजारा
देश हमारा सबसे न्यारा
जिसकी धरोहर bhai chara ! 

गीत गाता चल

गीत गाता चल मुसाफिर जिंदगी की रह में 
गम के आशू पोछ ले ,खुशियों की बाहें थाम ले
हर घडी रोता तू क्यों है ,क्या था जो गया
रात होती है तो क्या, सुबह भी होती जान ले
गीत गाता चल मुसाफिर ,जिंदगी की रह में !


खूबसुरत जिंदगी से हर एक पल जा रहा
कल को तू सोचेगा ,कल क्या था और अब क्या रहा
नौजवानी बह न जाये, आसुओ की धार में
गीत गात चल मुसाफिर ,जिंदगी की राह में !


हर तरफ दुखों की बहार ,क्यों तू देखता
तेरे सामने अपनों की कतार,क्यों नहीं देखता
देख ले ताकत है कितनी ,यारो के प्यार में
गीत गाता चल मुसाफिर ,जिंदगी की राह !



महकता रहूँ दिल में तेरे ,फूल बनकर तब तक
चाँद और सूरज आसमाँ में ,चमकते रहे जब तक
मांगता हूँ बस यही ,खुदा की पनाह में
गीत गाता चल मुसाफिर ,जिंदगी की राह में !

मच्छर उवाच

आइल समय हमरो हो गैले बहार
बिना अस्तित्व के संख्या भइल हजार !
हमसे त आज सबही त डेराला
पंखा चलाय के चदरा में ढुक जा ला !
मनवा में आवेला तो मधुर गीत गायीला
नहीं तो केहू के कनवो में घुस जयीला!
हमसे बचे बिना लोग का का करेला
केहू मोटिन तो केहू मस्किटो लगावेला !
ऐसे समय हम गाना न गायीला
बल्कि कही कोने में घुस जयीला !
डाक्टर के डिस्पेंसरी हमही त चलायिला
केहू के मलेरिया तो के टायफाइड होवाइला!
जहा जमे पानी हम उही घर बनाइला
रात के उड़ी के हम सबही के घर जयीला !
अब चाहे केव होवय बाभन ठाकुर चमार
आइल समय हमरो हो गईल बहार !


Sunday, March 13, 2011

यह है भारत की स्थिति

भारत की ७० फीशदी जनता आज भी गावों में निवास करती है जिसका एक भाग है जो आपके सामने है ,


                                                    जौनपुर जिले की  ग्रामीण स्थिति
भारत निर्माण ,के नाम  हमारे देश की सर्कार हजारो करोण  खर्च कर रही है जिसका नतीजा आप के सामने है ,यह वही जगह है जहा पंचायत के नाम पर प्रधान अपनी पेट भर रहे है ,जागो भारत जागो ,नहीं तो भारत निर्माण का सपना रहा का रहा ही जायेगा

मेरे देश का विकाश एलोपैथ दवा जैसा

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राहुल की कुर्सी खतरे में

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Wednesday, February 16, 2011

kash vo mera bachpan hota,

                           , 

काश वो मेरा बचपन होता ,वो मौज और मस्ती होती l
 आज की ये ना कश्ती होती,ना कोई जिम्मेदारी होती ,
             काश वो मेरा बचपन होता !! 
माँ की गोद विस्तेर होता,बापू का कन्धा घोडा होता !
आज की ये ना कश्ती होती,ना कोई जिम्मेदारी होती,
             काश वो मेरा बचपन होता !!
पीठ पर मेरे बश्ता होता,जिसमे पटरी और बोरा होता!
आज की ये ना कश्ती होती,ना कोई जिम्मेदारी होती,
             काश वो मेरा बचपन होता !!
दोस्तों संघ खेलते खाते ,दन से झगरा कर घर  आते!
माँ मुझे डाट शुनाती  ,बापू मुझे खूब समझाते फिर भी  
दुसरे दिन भी मस्ती होती ,आज की ये ना कश्ती होती
ना कोई जिम्मेदारी होती ,काश वो मेरा बचपन होता !!
कब कौन दोस्त होता ,कब कौन दुश्मन होता यह सब
कभी न सोचना होता ,काश वो मेरा बचपन होता !!
    

Tuesday, February 15, 2011

chhatrasangh ki aavasyakta ab pahale se jyada

इस समय भूमंडलीकरण के प्रभाव में जो अंतर्राष्टीय और राष्ट्रीय परिष्ठितीय उतपन्न हो रही है और जिश प्रकार से अंतर्राष्टीय पूजीवाद का भौगोलिक और मानव स्त्रोत पैर निर्मम कब्ज़ा हो रहा है ,ऐसे में छात्रसंघ ही नहीं ,बल्कि छात्रसंघों के राष्ट्रीय और अंतररास्ट्रीय ढाचो की नितांत आवश्यकता है ल
भारत समेत पूरे दुनिया में शिक्षा निश्चित तोर पैर विकाश का एक प्रभावशाली माध्यम है l लेकिन आज निजीकरण और अंतर्राष्टीय शिक्षा संस्थाओ के निर्वाध प्रवेश के कारन ऐसा लग रहा है क़ि देश के बहुशंख्या बच्चे और नौजवान गुनात्यामक शिक्षा की परिधि से बाहेर क़र दी जायेंगें l जहा एक तरफ निर्मम पूजीवाद आक्रामक हो रहा है ,वही पज़तान्त्रिक प्रतिशोध की संस्था को खत्म करने का अभियान चलाया जा रहा है l  वियतनाम युध से लेकर इंडोनेशिया के तानाशाह सुकर्णो के विरोध और जयप्रकाश आन्दोलन तक की अगुई विद्याथियो ने ही की थी l
ट्रांसपरेंसी की रिपोर्ट के मुताबित भारतीय शिक्षा व्यवश्था में गहरे तक भ्र्श्ताचार्य व्याप्त है ,विश्वबिद्यालायो के शैक्षाणिक ,प्रशासनिक और आर्थिक ढाचे पर नौकेर्शहो ,सत्ता के अगल बगल  घुमने वालो का कब्ज़ा बड़ता जा रहा हैl
 इसलिए ऐसे छात्रसंघों  की आवश्यकता है जिनमे वर्ग चेतना हो तथा जो विकाश की एक प्रतिबधता के साथ वर्तमान जन विरोधी शिक्षा नीतियों पर प्रबल प्रहार क़र सके l

facebook aur orkut ka galat estemal

शोसल नेटवर्किंग फसबूक और ऑरकुट का जमाना ,नए लोगो को खूब भा रहा है ,जिसपर लोग अपने दैनिक सूचनाओ को आपस में बाटते है l जिससे लोग देश दुनिया का खबर रखते है ,अपने फोटो या किसी घटना का फोटो अपने मित्रो को सगा सम्बन्धी को बड़े आसानी से पहुचाया जा सकता है l आज के नए लोगो में इसका भुत सवार है जिसपर बचे से लेकर बड़े तक जुटे रहते है l यह बड़ा ही लाभकारी साबित होता जा रहा है लेकिन खतरनाक भी  क्योकि इसी के सहायता से ही आज के बच्चे अपने प्यर को ढूढने में लगे है l जो जल्द ही दोस्त और जल्द ही प्यार में तब्दील हो जाते है ,यहाँ तक तो सही है लेकिन जब प्यार के खातिर लोग अपने जान को दांव पैर लगाये तो या दूसरो के जान का खतरा बने तो बड़ा ही मुस्किल भरा छड होगा ,व् अपराध की शुरुवात का पहला कदम माना जायेगा l आज इसी का बड़ी तेजी से चलन है जो facebook व् ऑरकुट के मद्धम से हो रहा है l
हमें ए दिन अखबारों में पड़ने को मिलता है की फेसबुक के प्यार में युवती ने दी जान या ऑरकुट के प्यार में नवयुवक ने लगे फासी l हमारी सर्कार भी इस तरह की  घटना को najarandanj करती चली जा रही है l और प्रसासन हाथ पैर हाथ रखा बैठा है फिर क्या करे प्रशासन सही में ही गलत भी होता है l इसलिए हम कह सकते है की ऐसी घटना अभी और होनी बाकि है क्योकि अभी तो सुरुवात है l

                           

Thursday, February 10, 2011

kabhi socha bhi nahi tha

मंगलवार का दिन था

media ka galat estemal ?



वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल vishvavidyalay का चौदहवा dichhant समारोह ,महामहीम का आगमन ,मीडिया कर्मियों और प्रसासन में भिडंत ,प्रशासन पड़ा सासत में कारन मजाक, वह भी मीडिया कर्मियों के द्वारा ,मीडिया कर्मियों का कहना था हम मोबाइल लेकर जायेंगे जबकि मोबाइल ले jana प्रतिबंधित था l दो लोगो में मजाक हुआ क्या तुम mobile लेकर जा सकते हो  ,दूसरा कहा क्यों नहीं ले जा सकते  बस इतने में ,मीडिया ka गलत इस्तेमाल करते हुए ,प्रसासन ko धमकाते हुए की हम यही प्रदर्शन करेगें ,नहीं तो हमें मोबाइल लेकर जाने दो media कर्मियों ने अपनी मनवाते हुए अंदर घुसने में कामयाब हो गए ,इतना ही नहीं प्रसासन से maphi भी मग्वाया l यह है आज का मीडिया और उसके रखवाले ,वह समय गया जब महात्मा गाँधी आदि नेता अहिंसा का रास्ता अपनाते हुए देश के लिए डंडे और गोली खाने के लिए तैयार थे  , उनका मकशाद हुआ करता था ,आम जनता तक हेर एक खबर को पहुचना जिससे देश के आवाम में देश के लिए जज्बा पैदा हो l आज के log अपनी बात मनवाने के लिए, अपराध को बढावा देने, अपनी कमियों को छुपाने के लिए   मीडिया का प्रयोग करते है l

Saturday, February 5, 2011

surashha parishad ka bistar

१९ वर्ष के अन्तराल के बाद से  भारत सुरछा परिषद् का अ अश्थाई सदस्य चुन लिया गया | bharat

Wednesday, February 2, 2011

sarkari dhano ka drupyog?

bahan mayavati g kyon desh ko barbad ker rahi ho ,|kabhi pather to kbhi light  wo bhi apne liye arbo rupye ,ager aap jaise do char aur neta ho gaye to desh kya duniya barbad ho jayega |  aapne apne janm din per 2500000 rs ka ek din me bizli barbad kiya aap ko pata hai wo bazli aap ke bap ka nahi tha nhi aap ka , balki pure desh ka tha |  ap ek pradesh ki mukhiya hai nki barbadi ka karan | apne aap ko samchho  varana aap ko pu ra desh samchh jayega aur aap rode per aa jayengi  2012 najdeek hai  |birasat me mili parti ko apni jageer mat  samchho  use kanshi ram g khun pasina se banaye hai use aap apne tana shahi me n barbad karo |  apradh ghushkhori aap ke sasan me apne charam per  aa gaya hai |ab lagat hai wahi aap ko rode per lane me sahayek hoga |  mai ush din ka bade besabri se entzar karunga |