Thursday, April 7, 2011

आदत में सुधारऔर खान पान पर दें ध्यान ... 
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर में विश्व स्वश्थ दिवस  मनाया गया !जिसमें मुख्या वक्ता के रूप में डाक्टर वीएस उपाध्याय ने कहा की स्वाश्थ के लिए  सबसे ज्यादा जागरूक होना आवश्यक है! अपने खान पान को ध्यान में रखना स्वश्थ  के लिए अधिक जरूरी है, जिसमें ऐसे पदार्थ को ले जो आपके लिए लाभकारी हो जैसे मछली ,सोयाबीन .आख्रोट व् कोहड़ा जो अधिक लाभकारी है !उन्होंने कहा की स्वश्थ रहने के लिए हर मनुष्य को प्रतिदिन कम से कम २ घंटे व्यायाम करना आवश्यक है! 
कार्यक्रम में बिशेष रूप से डाक्टर राम जी लाल ,डाक्टर मनोज मिश्र ,डाक्टर अवध बिहारी सिंह ,श्री दिग्विजय सिंह राठौर व सभी विभागों के छात्र मौजूद रहें! 

पत्रकारिता और पत्रकार की समाज में भूमिका

समय के साथ -साथ  परिवर्तन तो आवश्यक है ,परन्तु ऐसे परिवर्तन से बचना चाहिए जो अपने आधार और अस्तित्व को खतरे में डाल दे ! पत्रकारिता  की आवश्यकता हमें तब  पड़ी थी जब दमनकारी  सासन प्रजा  पर कठोर चोट पंहुचा रहा था   !1780 में जेम्स आगस्तक हिक्की ने   बंगाल गजट नामक प्रथम भारतीय समाचार पत्र निकला ,जिसका उद्देश्य था  सासन द्वारा लिए गए निर्णयों को प्रजा या जनता तक पहुँचाना  व् जनता की बात सासन तक पहुँचाना   !जिसको सासन की तरफ से बहुत दबाने की कोशिश की गयी !
आज़ादी के पूर्व भारतीय अखबारों ने  काफी सघर्ष किया ,आज़ादी के लिए व् विचार  अभिव्यक्ति  के लिए अनेक पत्रकारों एवं समाचार पत्रों ने  अपनी -अपनी कुर्बानिया दी , देश को आजाद कराने व् अभिव्यक्ति स्वतंत्रता में अपनी भूमिका निभाई  !समाज को एक ऐसा रूप दिया जिसमें सभी अपने विचारों एवं भावों को व्यक्त कर सकें !अपने इन्ही कार्यो से पत्रकारिता देश का चौथा अस्तंभ बनकर उभरा जो कार्यपालिका ,न्यायपालिका ,विधायिका को सुचारू रूप से चलाने के लिए  कंधे से कन्धा मिलाकर चलने लगा ,लोगो को पत्रकारिता से उम्मीदे बड़ने लगी, कि चौथा अस्तंभ देश के विकाश व् समाज के  विकाश के लिए हमेशा अग्रसर रहेगा !
देश आजाद हो गया समाज व् देश, विकाश के पथ पर चलने लगा (१९४७ ) ,ऐसे में देश के कोने-कोने से अनेकों समाचार पत्र व् पत्रकारों का उदय हुआ ,जो देश के लिए  शुभ संकेत माना जा रहा था !किसी को क्या मालूम था की एक दिन ऐसा परिवर्तन आएगा की पत्रकारिता और  पत्रकार दोनों की दिशा दशा  बदल जाएगी ,जहा पत्रकारिता धंधा बन गया वहीँ पत्रकार दलाल या मध्यस्त ,जिसका जीता जगाता सबूत आप सभी के सामने है !आज समाचार पत्र वही बोलते है जो उनका मालिक बोलता है और उनका मालिक वही बोलता है जो आथिक ,राजनैतिक सहयोग देने वाले बोलते है !आम आदमी की बातें न तो समाचार पत्र करते है न ही न्यूज़   चैनल और न्यूज़  चैनल तो हद्द ही कर दिए है सुबह से लेकर शाम तक समाचार कम नाच ,गाना , विज्ञापन अधिक दिखाते है !दिशा हीन पत्रकार शायद उन्हें भूल गए जिन्होंने अपने कलम के बल पर समाज बनाया ,देश बनाया और नाम भी कमाया ,जिनको आज भी आदर सम्मान मिलता है !उद्हरण के रूप में हम गाँधी ,मदन मोहन मालवीय ,राम मोहम राय जी को ले सकते है !
समाज में अपराध व् भ्रष्टाचार्य को  भी आज पत्रकारों के द्वारा ही बढावा दिया जा रहा है जिसे कुछ दिनों पहले आपने २ जी स्पेक्ट्रम  मामले में देखा !यह है दिशा हीन पत्रकारिता जो अपने आप पर इतरा रहा है ,शायद यह भूल गया है कि जिसका आधार व् दिशा दशा नहीं होती उसका अंत समीप होता है