Saturday, November 10, 2012

भाजपा का दोहरा चरित्र

राम नाम की लूट है लूट  सको सो   लूट, अंत काल पछताओगे जब प्राण जायेगा छूट। इसी सिद्धांत पर  चल रही भाजपा अब मुश्किलों  में दिखाई पड़ रही है। कभी राम नाम के बल पर अपनी राजनीति ज़माने वाली भाजपा आज अपने ही लोगों के निशाने पर खड़ी है। हिन्दू धर्म में राम को भगवान् के रूप में पूजा जाता है। जिसे लेकर भाजपा के व्योब्रिद्ध नेता सांसद और कानून के जानकार श्री रामजेठमलानी ने दो टूक शब्दों में कहा की राम तो एक बुरे पति थे। जो अपने ही पत्नी को एक धोबी के  कहने पर जंगल में छोड़ दिए थे। रामजेठमलानी के आलावा भाजपा के एक और सांसद( राम जन्म भूमि) से विनय कटियार ने इस व्यक्तव्य पर सहमती जताई। जिसके  बाद पूरे भारतीय राजनीति में भूचाल सा आ गया है।  भाजपा के लोग कुछ कहने से कतराने लगे है जबकि और विपक्षी पार्टियां  हमलें से नहीं चुकीं रही है ।


 हिन्दू धर्म की चीर फाड़ कोई नयी बात नहीं है कभी रामचरितमानस जलाये गए तो कभी हिन्दू धर्म के आस्था के प्रतिक  भगवान् श्री राम को गलियां दी गयी। कभी देवी देवताओं को गलियां दी गयी। लेकिन हिन्दू धर्म के प्रति लोगों की आस्था में कमी कभी नहीं देखी गयी। कमी तो आज देखी  जा रही है भाजपा के सिद्धांतों में जो कभी राम को ढाल बनाकर राजनीति में आये आज वही राम को ही बुरा बता रहे हैं। भाजपा का ये दोहरा चरित्र कोई नया नहीं इसके पहले भी भाजपा का दोहरा चरित्र देश के सामने आ चूका है।जब सत्ता से दूर थे तो राम मंदिर बनाने की बात करते थे और जब सत्ता में आ गए तो राम का नाम भी भूल गए। कभी भ्रष्टाचार को लेकर लगातार सरकार पर हमलें करने  वाली भाजपा जिसने इसी मुद्दे को लेकर देश का करोड़ों रूपया (संसद न चलने पर )बरबाद करने में भूमिका निभाई। जब खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फ़सी (नितिन गडकरी के फर्जी कंपनी के मामले में ) तो भ्रष्टाचार का मुद्दा ही भूल गयी। भाजपा के लोग कई बार कहते ही नहीं थकते की मनमोहन सिंह बृद्ध हो चुके है। अब उन्हें गद्दी छोड़ देना चाहिए। जब आडवानी की बात होती है तो उन्ही लोगो को आडवानी नौजवान दिखाई देने लगते है। लेखक किसी भी पार्टी का नहीं है। 

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