भारतीय राजनीति एक चिंता का विषय बनती जा रही है कि क्या होगा देश का ?, कौन चलाएगा देश?, कैसे चलेगा देश। इन सब सवालों के बीच एक बड़ा प्रश्न उठ रहा है की जिस व्यक्ति के ऊपर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है जिससे पूरे देश को उम्मीदें है वो अपनी घर की सरकार तो चला नहीं पाया जिसकी धर्मपत्नी आज भी अकेले जीवन यापन कर रही है !तो क्या उम्मीद लगाया जाय की देश की सरकार चलाने में वो( नरेन्द्र मोदी ) सक्षम हो सकते हैं !भले ही गुजरात की लगातार बागडोर हाथ में रही हो पर संदेह कायम है ! वर्तमान तो किसी से छुपा नहीं है, आज की मनमोहन सरकार जनता की निगाहों में भ्रष्ट ,लाचार और निकम्मी सरकार बन कर रह गयी है !जिसमें घोटाला अपराध आम सी बात हो गयी है !मंहगाई अपने चरम पर है गरीब -गरीब होता जा रहा है अमीरों का बोलबाला है वो जैसा चाहते है सरकारें भी वैसा ही कर रही है!अब बात अगर हम कांग्रेस और भाजपा की करें तो दोनों ही पार्टियों में कोई ऐसा चेहरा सामने नहीं आ रहा की जो देश को देश की जनता को एक साफसुथरी सरकार दे सकें !राहुल गाँधी एक चेहरा था कांग्रेस के लिए, देश के लिए जो अभी राजनीती में बार -बार बच्चा साबित होते है !कांग्रेस की सरकार आए 8 साल हो गएँ और राहुल गाँधी जी को भी आयें ,लगभग हो गए 8 साल,पर अभी भी उनको लगता है की अभी कुछ करने के लिए समय मिलना चाहिए ! क्या भारत की जनता अरविन्द केजरीवाल जैसे पर विश्वास करें? जो आये दिन सनसनी फैलाकर नाम कमाना चाहते है !जिनका छोटा सा दल आई ए सी कोई आकार लेने से पहले ही कई भागों में विभाजित हो गया !तो क्या होगा विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का ???
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