Wednesday, May 18, 2011

आयल चुनाव नेता जी काँव -कांव करे लगना

चुनाव के समय के नेता rahul जी  
हमारा देश लोकतान्त्रिक देश है जहाँ लोकतान्त्रिक तरीके से नेता चुना जाता है मेरे कहने का मतलब है चुनाव के माध्यम से हम नेता चुनते है !हमारे देश में नेता बनने के लिए किसी शिक्षा ,सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होती यानी जो चाहे वह नेता बन सकता है  उसके लिए उसे भारत का नागरिक होना ,१ ८ वर्ष की उम्र का होना ,सजायाफ्ता न होना आदि बातो का जरूर ध्यान दिया जाता है !अगर हम नेता को परिभाषित करे तो नेता उसे कहना चाहिए जो  नीतियों का निर्धारण करे  और नीतियों का निर्धारण वही कर सकता है जो समाज को समाज की आवश्यकताओं व् समाज के विकाश के बारे में सोच व् समझ  सके !हमारे देश के नेता नीतियाँ समाज के विकाश के लिए कम अपने लिए ज्यादा बनाते है जिससे देश व् समाज का विकाश  कम उनका विकाश अधिक होता है !चुनाव आते ही गाँव -गाँव, गली -गली ,धुप में ठण्ड में पार्टियों में शादी विवाह में व् किसी के भी बुलाने पर नेता हाजिर हो जाते है लेकिन जब नेता जी चुनाव जीत जाते है तब ५ शाल के लिए जनता ,समाज विकाश से कोई मतलब नहीं रहता !नेता जी किसी बड़ेंशहर में अच्छा खाशा बंगला बनवाकर ,ए सी  लगवाकर बड़ीं -बड़ीं गाड़ियों में घुमा करते है !भोली भाली जनता ऐसे  नेताओ का बोलबच्चन हर चुनाव में सुनती है और उम्मीद की दीवार पर हर बार चलती है ,किसी न किसी को अपना नेता चुन लेती है लेकिन  उनकी उम्मीद एक बार फिर धोखा खां जाती है !
उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव जैसे ही जैसे नजदीक आ रहा है वैसे ही वैसे नेता जी लोगो का गावों में आना जाना बड़ रहा है कही मिश्र जी के यहाँ बट्टी चोखा की दावत है तो कही यादव जी व् बाबू  साहब के यहाँ पार्टी जिसमें मीट मछली की बढ़िया व्यव्श्था है जिसका पूरा खर्च नेता जी उठा रहे है !कही देवी देवताओं के स्थान पर प्रबचन तो कही मुसयारा का आयोजन किया जा रहा है !यह भोली भाली जनता कब इन नेताओ को समझेंगें यह तो समय ही बताएगा !
आज ऐसे नेताओं का कही कही पूछ नहीं है जो गरीब और समाज के  रखवालें हैजो समाज के लिए आज भी लड़ रहे है ,आज उन्ही नेताओं की पूछ है जो बड़ी -बड़ी गाड़ियों दो चार गनर लेकर चलते है और चुनाव आते ही छोट भैआ नेताओं को लेकर पैसों  को लुटाते है !गजब की आज की जनता है और गजब के नेता जो चुनाव आते ही कांव -कांव करने लगते है !

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